June 17, 2022

दिन दिन आनंद -राग मारू बिहाग

सूर्योदय के समयसे आगे चलते हुए अब अगला प्रहर मतलब सुबहका प्रथम प्रहर। दिन का प्रथम प्रहर और सुबह का प्रथम इसमें फ़र्क समझना भी यहाँ पर ज़रूरी है। सुबहके प्रथम प्रहर यानेके ७ से १० में प्रकृति धीर-गंभीर वातावरण से हटकर एक उल्हासित और प्रफुल्लित वातावरण में परिवर्तित हो जाती है। ओस की बूँदे फूलों और पत्तोंपर, सूर्य की किरणोसे ऐसे चमक उठतीं है के मानो धरती पर चाँदनी फैलीं हुई हो। पशु प्रणियो में भी एक नयी उमंग दौड़ती है। पंछीओं के चहक से नयीं लेहरे वातावरण में घुलमिल जाती है।
June 17, 2022

दिन दिन आनंद -राग पूर्व कल्याण

सूर्योदय के समयसे आगे चलते हुए अब अगला प्रहर मतलब सुबहका प्रथम प्रहर। दिन का प्रथम प्रहर और सुबह का प्रथम इसमें फ़र्क समझना भी यहाँ पर ज़रूरी है। सुबहके प्रथम प्रहर यानेके ७ से १० में प्रकृति धीर-गंभीर वातावरण से हटकर एक उल्हासित और प्रफुल्लित वातावरण में परिवर्तित हो जाती है। ओस की बूँदे फूलों और पत्तोंपर, सूर्य की किरणोसे ऐसे चमक उठतीं है के मानो धरती पर चाँदनी फैलीं हुई हो। पशु प्रणियो में भी एक नयी उमंग दौड़ती है। पंछीओं के चहक से नयीं लेहरे वातावरण में घुलमिल जाती है।
June 17, 2022

दिन दिन आनंद -राग पटदीप

इस शृंखला में ४था प्रहर मतलब सुबह का तीसरा प्रहर। जैसे की पिछले एपिसोड में बात हुई थी के, पूरे १० से लेकर ४ बजे तक के दोनो प्रहारों को, “दोपहर” माना जाता है, तो यहाँ पर फिरसे कोमल गांधार प्रेरित रागों का प्रभुत्व रहता है। ख़ास तौर पर १ से ४ इस प्रहर में सारंग से ज़्यादा काफ़ी राग से उद्रित रागों का प्रयोग शुरू हो जाता है। याने के काफ़ी ठाठ का सबसे प्रमुख राग है राग काफ़ी। काफ़ी से आता है भिमपालसी। भिमपालसी से आता है राग पटदीप।